चार प्रकार की होती हैं महिलाएं, जानिए कौन से हैं वे भेद? स्ति्रयों और पुरुषों की प्रकृति, स्वभाव, रूप रंग, कद-काठी को लेकर अनेक ग्रंथ लिखे गए। उनमें से सबसे प्रचलित ग्रंथ कामशास्त्र है। कामशास्त्र को मूल आधार बनाकर लिखे गए अनेक ग्रंथों में स्त्री जाति के मुख्यत: चार प्रकार के भेद बताए गए हैं। ये भेद हैं पद्मिनी, चित्रिणी, शंखिनी और हस्तिनी। हस्तिनी से शंखिनी, शंखिनी से चित्रिणी और चित्रिणी से पद्मिनी को श्रेष्ठ कहा गया है। पद्मिनी के लक्षण शास्त्र में पद्मिनी स्त्री के अनेक लक्षण बताए गए हैं। उसके अनुसार पद्मिनी स्त्री के नेत्र हरिणी के बच्चे के समान, आंखों के किनारे लाल-लाल, पूर्ण चंद्रमा के समान उज्जवल और गोल मुख होता है। वह कम और संतुलित मात्रा में भोजन करती है। व्यवहार में कुशल होती है। फूले हुए कमल के समान उसके पास सुगंध आती है। लज्जापूर्ण, स्वाभिमानी, सोने और चंपा के फूल के समान वर्ण वाली, धार्मिक प्रवृत्ति की, छरहरी, सदा सुंदर वस्त्र धारण करने वाली, शंख के समान सुंदर गर्दन वाली होती है। by चित्रिणी के लक्षण चित्रिणी स्त्री का शरीर दुबला-पतला होता है। मंद गति से चलने वाली, नेत्र चंचल होते हैं। संगीत और शिल्प कला में रुचि रखने वाली। इनका कद न बहुत लंबा होता है और न बहुत नाटा। पतली कमर, मोर जैसी आवाज, काले बाल, शंख के समान गर्दन वाली, चित्रकला में निपुण ऐसी स्त्री चित्रिणी कहलाती है। शंखिनी के लक्षण शंखिनी प्रकृति की स्त्री स्वभाव से क्रोधी होती है। तेजी से चलने वाली, मध्यम मात्रा में भोजन करने वाली, पित्त प्रकृति वाली होती है। शंखिनी स्त्री लाल रंग के फूल और वस्त्रों में विशेष रुचि रखती है। इनकी आवाज में घर्राहट होती है। काले घने और लंबे बाल होते हैं। हस्तिनी के लक्षण हस्तिनी स्त्री का शरीर मोटा होता है। बाल सुनहरे, खूब खाने वाली, गोरा रंग, छोटी और झुकी हुई गर्दन, धीमी चाल, मोटे होंठ होते हैं। ऐसी स्त्री का स्वभाव मृदु होता है और जल्दी ही किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। सभी से घुल-मिलकर बात करती है। इसके बालों की लंबाई कम होती है।