शक्ति।

पार्ट 1
एक छोटा सा शब्द है। मगर इसमें असीम ऊर्जा छुपी हुई है। इस बात का अनुभव हर बार हुआ है जब जब में भगवती के चरणों में गया है। क्योंकि शक्ति वही तो है जो ये समग्र संसार को चलित करती है। उसी शक्ति की उपेक्षा एक बार जगदगुरू शंकराचार्य जी ने की थी और तुरंत ही शक्ति हीन हो गए और उन्हें ये बात तुरंत समझ में आ गई के इसके बिना तो अस्तित्व ही नहीं है किसी का भी इस संसार में।
एक बार जब में निराश और उदास होकर बैठा था तब वो एक बूढ़ी मैया का रूप लेकर मेरे पास आई थी और मुझे बोली बेटा कुछ खाना है क्या मिल सकता है। मेने भी बोल दिया क्या खाना है। उसने बोला जो तुम खिलाओ। मेने उसे उस दिन सामने आई दुकान से एक दाबेली खिला दी। वो खुश हो गई और बोली की बेटा तुम हमेशा खुश रहो। बस उसी दूसरे दिन से मेरे जीवन का चक्र ये घुमा की आज दिन तक कभी नही रुका। में उस दिन चूक गया भगवती इतने पास थी और में पकड़ नही पाया उसके चरण। वो जब कृपा करती है तो पलक झपकते है दुनिया के सारे काम कर देती है। छोटा था तब माता मुझे बहोत लाड और प्यार करती थी। वो हमेशा मुजपर अपना स्नेह बनाए रखती थी और वो भी बिना किसी स्वार्थ के। वही काम मेरी भगवती कर रही है। में उसे कितना भी दूर जाऊ वो मुझे अपने पास लेकर आ जाती है। उसकी सेवा न करू तो भी वो दूसरे दिन राह देखती है की कल आएगा सेवा करने के लिए। एक दिन पूजा ना करू तो वो दूसरे दिन वही बैठी रहती है अपनी पूजा करवाने के लिए। वही प्रेम से वो मुझे पुकारती है और जब उसके पास बैठता हु तो बोलती है की बेटा आ गया। कल तो मेरे पास आया नही तू। में तो तेरी राह देखती ही रह गई। में बोलता हु क्या करू ये दुनिया के चक्कर में उलझ जाता हु मैया। कभी कभी काम की वजह से नही कर पता तेरी सेवा अब तुझे भी समझना पड़ेगा ये बात को। वो तुरंत बोलती कोई बात नही बेटा तू तो बस मेरे पास आया कर उतना ही काफी है मेरे लिए। ये सारी दुनिया मेरी सेवा करती है। तू काम करके थक जाता है समझती हु तेरी बात को। फिर जब सोने जाता यू में तब चुपके से आकर मेरा सर दबाने लगती है और बोलती है की बेटा तू सो जा में तेरा सर दबा दूंगी। में हाथ हटाकर तुरंत खड़ा हो जाता हु और बोलता हु अरे ये क्या कर रही हो भगवती। दुनिया क्या बोलेगी मुझे दुर्गा माता से अपना सर दबवा रहा। लोग मुझे गालियां देते फिरेंगे और बोलेगा बड़ा आ गया जो भगवती से सेवा करवायेगा। तेरे सारे भक्त नाराज हो जायेगे। वो हंस देती है और बोलती है अरे बेटा ऐसा होता है कभी। माता अपने बेटे की सेवा करे उसमे क्या बुरा है तू दुनिया की चिंता छोड़ दे और सो जा। पता नही उसी वक्त कब नींद आ जाती है मुझे।